देखिए वीडियो : CM योगी के बाद हनुमान के नाम पर एक और दावा!…ST आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय बोले – दलित नहीं, अनुसूचित जनजाति के थे बजरंगबली…जानिए क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का श्रीराम भक्त हनुमान को लेकर दिए गए बयान के बाद से ही सियासती लोगों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है । सीएम योगी ने राजस्थान में एक जनसभा के दौरान भगवान हनुमान को दलित बताया था। इस मामले में अब सीएम योगी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। योगी आदित्यनाथ के बाद अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने भगवान हनुमान को अनुसूचित जनजाति का बता डाला है।
बता दें कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय गुरुवार को अपनी टीम के साथ लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लखनऊ में मुख्य सचिव और समाज कल्याण के अधिकारियों के साथ बैठक की। वहीं पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने भगवान हनुमान को अनुसूचित जनजाति का बता दिया। सूत्रों ने बताया कि नंदकुमार राय ने मीडिया से कहा कि
‘हनुमान’ जनजाति में गोत्र होता है, मसलन तिग्गा है, तिग्गा कुड़ुक में है, तिग्गा का मतलब बंदर होता है, हमारे यहां कुछ जनजातियों में साक्षात हनुमान भी गोत्र है, और कई जगह गिद्ध गोत्र है, जिस दंडकारण्य में भगवान (राम) ने सेना संधान किया था, उसमें ये जनजाति वर्ग के लोग आते हैं तो हनुमान दलित नहीं जनजाति के हैं.’ हनुमान जी अनुसूचित जनजातियों की तरह ही जंगलों में रहते थे, लिहाजा हनुमान जी अनुसूचित जनजाति के थे।
#लखनऊ : भगवान हनुमान जी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद अब अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नन्द कुमार साय का बयान- अनुसूचित जनजाति में हनुमान गोत्र होता है। हनुमान जी दलित नही हैं अनुसूचित जनजाति के हैं. pic.twitter.com/8xKUymSejg
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) November 29, 2018
मीडिया में आई ख़बरों की माने तो राजस्थान के अलवर में एक रैली के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बयान दिया था। सीएम योगी ने कहा कि हनुमान जी दलित और वंचित हैं। राजस्थान के अलवर में मंगलवार को एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि ‘बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी के इस बयान पर जबरदस्त राजनीतिक बवंडर मचा हुआ है। एक तरफ जहां विपक्ष के नेता इस पूरे मामले की आलोचना करने के साथ सीएम योगी को जवाब दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी योगी जी की जबरदस्त किरकिरी हो रही है। लोग इस बयान के माध्यम से यूपी के सीएम का खूब मजाक बना रहे है। इस मामले में तरह-तरह के कार्टून बनाकर लोगों द्वारा शेयर किया जा रहा हैं।
#लखनऊ : भगवान हनुमान जी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद अब अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष नन्द कुमार साय का बयान- अनुसूचित जनजाति में हनुमान गोत्र होता है। हनुमान जी दलित नही हैं अनुसूचित जनजाति के हैं. pic.twitter.com/8xKUymSejg
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